अस्पेर्गेर संलक्षण
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एस्पर्गर संलक्षण या एस्पर्गरस संलक्षण एक स्व-अभिव्यक्तता प्रतिबिंब रोग है। जिसकी महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि सामाजिक संपर्क और व्यवहार में कठिनाई होती है और व्यावहारिक आचरण में दोहरावदार प्रकार देखाई देता है। ये अन्य स्व-अभिव्यक्तता प्रतिबिंब रोगों से अलग है क्योंकि इसमे भाषा और विज्ञान संबंधी विकास बहुत देर से होता है। हालांकि निदान की आवश्यकता नहीं है, पर शारीरिक भद्दापन और अनियमित भाषा का उपयोग अक्सर देखाई देता है।[1][2]
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Asperger syndrome वर्गीकरण व बाहरी संसाधन | ||
People with Asperger syndrome often display restricted interests, such as this boy's interest in stacking cans. | ||
आईसीडी-१० | F84.5 | |
आईसीडी-९ | 299.80 | |
ओ.एम.आई.एम | 608638 | |
रोग डाटाबेस | 31268 | |
मेडलाइन+ | 001549 | |
ई-मेडिसिन | ped/147 | |
MeSH | F03.550.325.100 |
एस्पर्गर सिंड्रोम, ऑस्ट्रियन बालरोग चिकित्सक के नाम पर रखा गया है, जिसने सन् १९४४ में अपने अभ्यास में उन बच्चों को वर्णित किया जो की, अनकहा संचार, अपने साथियों के साथ कम सहानुभूति और बेढ़ंगे शारीरिक रूप का प्रदर्शन करते थे। [3] पचास साल बाद, यह एक निदान के रूप में मानकीकृत किया गया था, लेकिन अभी भी कई सवाल रोग के विकार के पहलुओं के बारे में रहते हैं।[4] उदाहरण के लिए, इसमे संदेह है कि क्या यह उच्च कार्य स्व-अभिव्यक्तता से अलग है। [[/0}[5] आंशिक रूप से इस वजह से, यह व्याप्ति रूप से मजबूती से स्थापित नहीं है।[1]]] एस्पर्गर सिंड्रोम का निदान बहिष्करण करने का प्रस्ताव् रखा गया है और इसे स्व-अभिव्यक्तता प्रतिबिंब विकार के निदान के रूप में प्रतिस्थापित किया गया है।[6]
सटीक कारण अज्ञात है, हालांकि अनुसंधान एक संभावना का समर्थन करता है कि आनुवंशिक आधार पर मस्तिष्क इमेजिंग तकनीक किसी स्पष्ट सामान्य विकृति की पहचान नहीं कर पाई है। इसका कोई एक इलाज नहीं है और विशेष उपायों की प्रभावशीलता केवल सीमित आधार-सामग्री पर ही समर्थित है।[1] हस्तक्षेप लक्षण और कार्य में सुधार लाने के उद्देश्य से है। इसमे मुख्य आधार से व्यावहारिक चिकित्सा, खराब संचार कौशल विशिष्ट ध्यान केंद्रित करने के लिए, जुनूनी या दोहराए और शारीरिक भद्देपन पर विशिष्ट ध्यान केंद्रित किया जाता है।[7] अधिकांश व्यक्तियों में समय अनुसार सुधार आ जाता है, लेकिन स्वतंत्र रहने, सामाजिक समायोजन के साथ संचार में कठिनाइयां वयस्कता तक जारी रहती है।[4] कुछ शोधकर्ताओं और लोगों ने बजाय की विकलांगता, रुख में बदलाव की या इलाज किये जाने चाहिए की वकालत की है।