अस्तित्व चिकित्सा
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अस्तित्व चिकित्सा अथवा अस्तित्ववादी चिकित्सा (existential therapy)[1] यूरोपीय दर्शन अस्तित्ववाद की परंपरा द्वारा विकसित मानव स्वभाव और अनुभव पर आधारित मनोचिकित्सा का रूप है। यह उन अवधारणाओं पर ध्यान केंद्रित करता है जो मृत्यु, स्वतंत्रता, जिम्मेदारी और जीवन के अर्थ सहित मानव अस्तित्व पर पूर्ण रूप से लागू होता हैं।[2] अस्तित्ववादी मनोचिकित्सा में चिंता, अलगाव और अवसाद जैसे मानवीय अनुभवों को मानसिक बीमारी की उपस्थिति के रूप में देखने के बजाय इन्हें मानव विकास और परिपक्वता की सामान्य प्रक्रिया के प्राकृतिक चरणों के रूप में देखा जाता है। विकास और परिपक्वता की इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने में अस्तित्ववादी मनोचिकित्सा में किसी व्यक्ति के अनुभवों का दार्शनिक अन्वेषण शामिल होता है। इस चिकित्सा में व्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी पर जोर देते हुए मरीज के व्यक्तिगत जीवन में उच्च स्तर के अर्थ और कल्याण की सुविधा पर ध्यान दिया जाता है।[3]