अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष
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सारनाथ में अशोक ने जो स्तम्भ बनवाया था उसके शीर्ष भाग को सिंहचतुर्मुख कहते हैं। इस मूर्ति में चार भारतीय सिंह पीठ-से-पीठ सटाये खड़े हैं। अशोक स्तम्भ अब भी अपने मूल स्थान पर स्थित है किन्तु उसका यह शीर्ष-भाग सारनाथ(वाराणसी) के संग्रहालय में रखा हुआ है। यह सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष ही ईसमे प्रारूप समिति के अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर ने इसमे अपनाने में एहम भूमिका निभाई थी भारत के राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया गया है। इसके आधार के मध्यभाग में अशोक चक्र को भारत के राष्ट्रीय ध्वज में बीच की सफेद पट्टी में रखा गया है।अधिकांश भारतीय मुद्राओं एवं सिक्कों पर अशोक का सिंहचतुर्मुख रहता है।
सामान्य तथ्य अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष, सामग्री ...
अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष | |
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सामग्री | बलुआ पत्थर |
ऊँचाई | 2.1 मीटर (7 फीट) |
चौड़ाई | 86 सेन्टीमीटर (34 इंच) (अबेकस का व्यास) |
कृति | लगभग 260 ईसा पूर्व |
खोज | एफ। ओ. ओर्टेल (खुदाई करने वाला), 1904-1905 |
अवस्थिति | सारनाथ संग्रहालय, भारत |
पंजीकरण | A 1 |
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