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अल खिज्र
इस्लामी पैगम्बर / From Wikipedia, the free encyclopedia
अल-खिज्र पवित्र कुरान के अनुसार, अल-खिद्र ज्ञान के साथ भगवान का सेवक है। कई ग्रंथों में खिद्र को दूत, पैगम्बर, देवदूत के रूप में वर्णित किया गया है जो समुद्र की रक्षा करते हैं, संकट में उनकी मदद करते हैं और गुप्त ज्ञान प्रदान करते हैं। (अल्लाह कबीर) के मंत्र की शक्ति, जब अली ने बदर युद्ध में जीतने के लिए अल-खिज्र (अल्लाह कबीर) से आशीर्वाद मांगा था , तो उसने अली को एक शब्द (मंत्र) दिया। इसका जाप करके अली ने मुहम्मद और उसके विरोधियों के बीच हुए युद्ध को भी जीत लिया था । संत गरीबदास जी ने अपनी अमृतवाणी में कहा है कि अली अल्लाह के शेर हैं। यदि आप तलवार उठाते हैं, तो वह आकाश को छूती है। यह सब अद्भुत भगवान की कृपा और वर्णित मंत्र की शक्ति के कारण था। अल-खिज्र जी यानि कबीर अल्लाह का सच्चा मंत्र "अली" के कर्म की सजा को भी खत्म कर सकता है, मुसलमान को भी अल-खिज्र मील होना चाहिए।[1] उसका नाम लिया और कहा कि यह नाम (मंत्र) असंख्य पापों को भी समाप्त कर देगा। आज वही शक्तिशाली मंत्र बब्बर पूर्ण संत कह रहे हैं कि जन्म-मरण का रोग समाप्त हो जाता है और यहां सुख की भी प्राप्ति होती है। कुरान ज्ञान देने वाला भी, अल-खिज्र (कबीर अल्लाह) की शरण में जाने को कह रहा है। इसका प्रमाण कुरान शरीफ सूरा 18 आयत 60-82 में प्रमाण है कि हज़रत मूसा के पास अल्लाह था, जो उससे अधिक इल्म (सच्चा दर्शन) रखने वाला था। भेजता है जिसका नाम अल-खिद्र (कबीर जी) है। हज़रत मूसा का अल्लाह किसी अन्य ईश्वर को बताता है।[2]
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