अपॉर्च्युनिटी रोवर
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अपॉर्च्युनिटी, जिसे MER-B (मंगल अन्वेषण रोवर - B) या MER-1, और उपनाम "ऑप्पी"[2][3] के रूप में भी जाना जाता है, एक रोबोट रोवर है जो 2004 के शुरूआती दिनों से 2018 के अंत तक मंगल ग्रह पर सक्रिय था।[1] 7 जुलाई 2003 को इसे नासा के मंगल अन्वेषण रोवर कार्यक्रम के भाग के रूप में लॉन्च किया गया और 25 जनवरी 2004 को मंगल पर उतरा। इसी के समानान्तर स्पिरिट (एमईआर-ए) नामक एक और रोवर को भी मंगल के दूसरी छोर पर अपॉर्च्युनिटी रोवर से तीन सप्ताह पहले उतारा गया था।[4] कार्यक्रम की योजना के अनुसार इन रोवरों का कार्यकाल 90-सोल्स (पृथ्वी के दिनों में 92.5) की अवधि के लिए निर्धारित किया गया था; स्पिरिट 2009 में अटकने के पूर्व तक काम करता रहा और 2010 में उसका संचार अंतिम रूप से बंद हो गया, जबकि अपॉर्च्युनिटी सौर ऊर्जा का उपयोग करके बैटरी के निरंतर रिचार्जिंग की अपनी प्रणाली, और बिजली बचाने के लिए धूल के तूफान जैसी घटनाओं के दौरान हाइबरनेटिंग द्वारा अपनी शक्ति और प्रणाली को सुरक्षित रखते हुए उतरने के बाद 5111 सोल्स तक परिचालन में सक्षम रहा। इस तरह के सावधानीपूर्वक संचालन के कारण अपॉर्च्युनिटी 14 वर्ष, 46 दिन (पृथ्वी के समय अनुसार) तक परिचालन करता रहा जो इसके योजना-निर्धारित कार्यकाल से 55 गुना अधिक की अवधि थी। 10 जून 2018 को जब इसने आखिरी बार नासा से संपर्क किया था[5][6] तब तक यह रोवर 45.16 किलोमीटर (28.06 मील) की दूरी तय कर चुका था।[7]
लक्ष्य प्रकार | रोवर |
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लॉन्च तिथि | 7 जुलाई 2003[1] |
लॉन्च वाहन | डेल्टा 2 7925H 9.5 राकेट |
अभियान काल | नियोजित: 90 सोल्स (92.5 दिन) अन्तिम: 5,352 सोल्स (5498 पृथ्वी दिन लैंडिंग से मिशन के अंत तक; 15 पृथ्वी वर्ष या 8 मंगल वर्ष) |
कॉस्पर आई डी | 2003-032A |
गृह पृष्ठ | जेपीएल का मंगल अन्वेषण रोवर |
द्रव्यमान | 185 किग्रा (408 पाउंड) (रोवर) |
शक्ति | सौर पेनल्स (फोटोवोल्टिक) |
बैटरियां | रिचार्जेबल लिथियम आयन |