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कर्क रेखा
सभसे उत्तरी अक्षांस रेखा जहाँ ले सुरुज सीधा चमक सके ला (सीधा कपार के ऊपर) / From Wikipedia, the free encyclopedia
कर्क रेखा एगो कल्पित रेखा ह जेवन पृथ्वी के अइसन जगह सभ से गुजरे ले जे सभसे उत्तरी जगह बाने जहाँ सुरुज के किरण सीधा पड़ सके ला। अइसन वर्तमान समय में 21 जून के होला जब सूर्य सबसे उत्तर ले पहुँच के सीधा चमकेला, एह दिन के उत्तरी संक्रांति कहल जाला। अइसन पृथ्वी की एकरी काल्पनिक धुरी की झुकाव की वजह से होला आ 21 जून के पृथ्वी क उत्तरी हिस्सा ठीक सुरुज की ओर झुकल रहेला जेवना से सुरुज से आवे वाला किरन पृथ्वी पर सभसे उत्तर की ओर ले चढ़ जाले।
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वर्तमान समय में कर्क रेखा क इस्थिति आमतौर पर 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश बतावल जाला हालाँकि ई हमेशा एकही ना रहेला। इतिहास में ए में थोड़ा बहुत परिवर्तन भी भइल बा जेवन चक्रीय होला, मने कबो घट जाला आ फिर ठीक ओतने समय में बढ़ जाला। ई बदलाव पृथिवी के झुकाव के मात्रा में बदलाव की वजह से होला।
कर्क रेखा, आ एकर उल्टा मकर रेखा जेवन दक्खिनी गोलार्ध में इस्थित बा, दुनो की बिच्चा में क हिस्सा उष्ण कटिबंध कहल जाला।
कर्क रेखा भारत की बीचोबीच से हो के जाले आ भारत की आठ गो राज्यन से हो के गुजरेले। ई राज्य हवें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल त्रिपुरा अउरी मिजोरम। उज्जैन आ राँची शहर लगभग कर्क रेखा पर इस्थित बाड़ें।