चंद्रयान-2 आ चंद्रयान-3 के चंद्र रोवर From Wikipedia, the free encyclopedia
प्रज्ञान चंद्रमा पर जाके खोजबीन करे खातिर भारत के इसरो द्वारा भेजल चंद्रयान-2 के रोवर रहल आ वर्तमान में चंद्रयान-3 मिशन खातिर रोवर बाटे।[7][8]चंद्रयान-2 आ चंद्रयान-3, दुनो भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो-ISRO) द्वारा बिकसित चंद्र मिशन बाड़ें[9] जेह में चंद्रयान-2 22 जुलाई 2019 के लॉन्च कइल गइल रहे बाकी एह में शामिल प्रज्ञान रोवर लैंडर विक्रम के साथे तब नष्ट हो गइल जब ई 6 सितंबर 2019 के चंद्रमा पर क्रैश-लैंड कइलस आ एकरा के कबो तैनाती के मौका ना मिलल।[10] चंद्रयान-3 के लॉन्च 14 जुलाई 2023 के, दुपहरिया 2:35 बजे IST पर भइल आ 23 अगस्त 2023 के चंद्रमा पर उतरल।[11][12][13] एह में शामिल रोवर के ए बेरी सफलता से काम करे के उमेद बाटे।
मिशन प्रकार | चंद्र रोवर |
---|---|
आपरेटर | इसरो (ISRO) |
मिशन अवधि |
|
अंतरिक्षबिमान लच्छन | |
निर्माता | इसरो (ISRO) |
लैंडिंग द्रब्यमा. |
|
डाइमेंशन | 0.9 मी × 0.75 मी × 0.85 मी (3.0 बाई 2.5 बाई 2.8 फीट) |
पावर | 50 W सोलर पैनल से |
मिशन सुरुआत | |
लांच तारीख | |
राकेट | LVM3 M1, LVM3 M4 |
लांच के जगह | SDSC Second launch pad |
ठीकेदार | ISRO |
से डिप्लॉय | Vikram |
डिप्लॉयमेंट तारीख | चंद्रयान-2: Intended: 7 September 2019[2] Result: Never deployed from destroyed lander.[3] Chandrayaan-3: 23 August 2023[4] |
Lunar रोवर | |
Landing date | 6 September 2019, 20:00-21:00 UTC[5] |
Landing site | Attempted: 70.90267°S 22.78110°E [6] (Intended) Crash landing at least 500m away from planned site. (Actual) |
Distance covered | 500 मी (1,600 फीट) (intended) |
चंद्रयान-2 खातिर डिजाइन कइल गइल एह रोवर के द्रब्यमान लगभग 27 किग्रा (60 पाउंड) रहल आ एकरा के सौर ऊर्जा से चले खातिर बनावल गइल रहे।[14][15] रोवर के 6 चक्का पर चंद्रमा के सतह पर 500 मीटर के दूरी ले 1 सेमी प्रति सेकंड के चाल से चले के रहे, ऑन-साइट एनालिसिस करे के रहे आ डेटा के विक्रम लैंडर में भेजे के रहे, जवन एकरा के धरती पर मौजूद इस्टेशन पर रिले करे वाला रहे।[16][17][18][19][20] नेविगेशन खातिर रोवर में नीचे बतावल चीज लगावल गइल रहे:
प्रज्ञान रोवर के कुल ऑपरेटिंग टाइम एक चंद्रमा के दिन (भा पृथ्वी के लगभग 14 दिन) के रहल, काहें से कि एकर इलेक्ट्रॉनिक्स के डिजाइन ठंढा चंद्रमा के रात के सहन करे खातिर ना बनावल गइल रहे। एकरे बिजली प्रणाली में सौर ऊर्जा से चले वाला स्लीप/अवेक के चक्र लागू कइल गइल रहे, जेकर चलते ई योजना से ढेर सेवा के समय भी दे सकत रहे।[24][25]
प्रज्ञान रोवर के लेके चहुँपे वाला विक्रम लैंडर 7 सितंबर 2019 के चंद्रयान-2 ऑर्बिटर से अलग हो गइल आ चंद्रमा पर लगभग 1:50 AM बजे शुरुआती उतराई के मिशन पैरामीटर के भीतर मानल गइल, प्लान के मुताबिक महत्वपूर्ण ब्रेकिंग प्रक्रिया के पूरा कइल गइल। उतराई आ सॉफ्ट-लैंडिंग विक्रम पर ऑन-बोर्ड कंप्यूटर सभ द्वारा करे के रहे, मिशन कंट्रोल के ठीक से एडजस्ट ना कर पावल आ एह तरीका से विक्रम लैंडर चंद्रमा के सतह पर टक्कर भा क्रैश के रूप में उतरल।
लैंडर के ट्रैजेक्टरी सतह से लगभग 2.1 किलोमीटर (1.3 मील; 6,900 फीट) ऊपरें बिचलित होखे लागल रहे। इसरो के लाइव-स्ट्रीम के दौरान अंतिम टेलीमेट्री रीडिंग से पता चले ला कि विक्रम के अंतिम वर्टिकल वेग सतह से 330 मीटर ऊपर से स्थिति में 58 मीटर/सेकंड (210 किमी/घंटा) रहल जे एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू के अनुसार "चंद्रमा पर उतरे खातिर बहुते तेज रहल। दुर्घटना के बतावे वाली सुरुआती रिपोर्ट सभ में, इसरो के अध्यक्ष के. सिवन द्वारा पुष्टि कइल गइल, ई बतावल गइल कि लैंडर के लोकेशन मिल गइल बा, आ "ई जरूरे एगो हार्ड लैंडिंग रहल होखी"। चंद्र टोही ऑर्बिटर दुर्घटना स्थल के तस्वीर लिहलस, जवना में देखल गइल कि लैंडर आ लैंडर के भीतर रखल प्रज्ञान रोवर एह टक्कर से नष्ट हो गइल रहलें, जवना के चलते टक्कर के साइट पर कई किलोमीटर तक मलबा फइल गइल।
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