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सरहपा
लगभग 8वीं-सदी के भारतीय कवी / From Wikipedia, the free encyclopedia
सरहपा भा सरह (c. 8वीं-सदी) सहजिया पंथ के लोगन में पहिला आ महासिद्ध लोग में से एक रहलें। इनका के ओडिया, अंगिका आ भोजपुरी[1] (हिंदी) के पहिला कबी मानल जाला आ राहुल सांकृत्यायन इनके समय आठवीं सदी बतावे लें जे बहुधा अवरू बिद्वान लोग के भी मान्य बा। इनके अउरी नाँव में सरह, राहुलभद्र वगैरह भी मिले ला। तिब्बती भाषा में इनके नाँव सरह के अरथ "जे तीर चला चुकल होखे" होला। कुछ लोग इनके नाँव के सहस्रपाद से निकसल बतावे ला।
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दोहा, चर्यागीत आ वज्रगीत के रचनाकार मानल जालें।