व्याकरण
ढाँचागत नियम सभ के सेट जे कौनों भी प्राकृतिक भाषा में खंड, वाक्यांश आ शब्द सभ के रचना के नियंत्रित / From Wikipedia, the free encyclopedia
भाषा बिज्ञान में व्याकरण चाहे ग्रामर (अंग्रेजी: Grammar) अइसन संरचनात्मक या ढाँचागत नियम सभ के समूह हवे जे कौनों प्राकृतिक भाषा के तहत वाक्य, वाक्यांश आ शब्द सभ के बनावट के निर्धारित करे लें। एह नियम सभ के अध्ययन करे वाली बिद्या भा ज्ञान के शखवो के व्याकरणे कहल जाला।
प्राकृतिक भाषा के बोले वाला व्यक्ति, खासतौर से अगर ऊ भाषा ओह व्यक्ति के मूल भाषा होखे, एह नियम सभ के बचपने में सीख लेला आ ई कौनों अलग ट्रेनिंग भा शिक्षा से ना सीखल जाला बलुक आसपास के लोग के बोलत सुन के सीखल जाला। बाद में शिक्षा द्वारा सीखल जाए वाली भाषा सभ खाती व्याकरण के ज्यादे नियम धियान पूर्वक ओह भाषा संबंधी निर्देश वगैरह के देख-पढ़ के सीखे के पड़े ला।
व्याकरण शब्द के इस्तेमाल कौनों भाषा के व्याकरण के नियम सभ के बतावे वाली किताबो खातिर हो सके ला। मने कि अइसन किताब जेह में ओह भाषा के संरचना के मूलभूत नियम बतावल गइल होखें ताकि भरम के स्थिति में किताब के संदर्भ लिहल जा सके, जरूरत पड़े पर किताब में नियम देखल जा सके। ज्यादे विवरणात्मक तरीका से लिखल किताब सभ जिनहन में नियम के साथे-साथ बिस्तृत व्याख्या आ नियम के उत्पत्ती वगैरह के भी विवेचना होखे विवरणात्मक व्याकरण (डेस्क्रिप्टिव ग्रामर) कहाला।
भाषा बिज्ञान से बहरें, व्याकरण शब्द के इस्तेमाल शब्द के उच्चारण आ लिखाई, मने कि हिज्जे के बेहवार आ ओह प बिचार, वगैरह के खातिर भी हो सके ला। हालाँकि, भाषा बिज्ञानी लोग एह सभ चीजन के व्याकरण के बिसय ला बलुक फोनोलॉजी आ ऑर्थोग्राफी वगैरह के बिसय माने ला।