दुसरी बौद्ध संगीति
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दुसरी बौद्ध संगीति प्राचीन काल में बौद्ध धर्म के लोग के दुसरी सम्मलेन रहे पहिली संगीति के लगभग सौ बरिस बाद भइल।[1] ई संगीति वैशाली (वर्तमान बिहार) में संपन्न भइल।[2]
एह संगीति में विनयपिटक आ सुत्तपिटक के बिस्तार भइल आ अभिधम्मपिटक के संकलन भइल।[1] एही संगीति में स्थविर लोग आ महासांघिक लोग संघ से दू हिस्सा में अलग हो गइल।[3] इहे आगे चलि के हीनयान आ महायान के रूप लिहलस।
दुसरी बौद्ध संगीति में बीछल सात सौ लोग हिस्सा लिहल एही से एकरा के सप्तशातिका भी कहल जाला।[4] दुसरी संगीति के बोलावल जाए के मुख्य कारण संघ के अनुशासन में ढिलाई के उपचार कइल रहे।[5]