सिकन्दरिया
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सिकन्दरिया या अलेक्जेंड्रिया (अंग्रेजी:Alexandria; अरबी: الإسكندرية अल-इस्कंदरिया), मिस्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहाँँ की जनसंख्या 41 लाख है और यह देश का सबसे बड़ा समुद्री बंदरगाह है जहाँँ मिस्र का लगभग 80% आयात और निर्यात कार्य संपन्न होता है। सिकन्दरिया एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल भी है। सिकन्दरिया, उत्तर-मध्य मिस्र में भूमध्य सागर के तट के किनारे लगभग 32 कि॰मी॰ (20 मील) दूर तक फैला हुआ है। यह बिब्लियोथेका अलेक्जेंड्रिना (नया पुस्तकालय) का घर है। एक अन्य शहर, स्वेज, से अपने प्राकृतिक गैस और तेल की पाइपलाइनों की वजह से यह मिस्र का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बन गया है।
अलेक्जेंड्रिया إسكندرية इस्केन्देरेय्या الإسكندرية अल-इस्कन्दरिया (मानक अरबी) | ||
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उपनाम: भूमध्य सागर का मोती | ||
देश | मिस्र | |
मुहाफजाह | सिकन्दरिया मुहाफजाह | |
स्थापना | 331 ईसा पूर्व | |
शासन | ||
• राज्यपाल | आदिल लबीब | |
क्षेत्र | 1,034 वर्गमील (2,679 किमी2) | |
जनसंख्या (2006) | ||
• कुल | 4,110,015 | |
CAPMS 2006 जनगणना | ||
समय मण्डल | EST (यूटीसी+2) | |
• ग्रीष्मकालीन (दि॰ब॰स॰) | +3 (यूटीसी) | |
दूरभाष कोड | ++3 | |
वेबसाइट | Official website |
प्राचीन काल में, सिकन्दरिया दुनिया के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक था। इसकी स्थापना सिकंदर महान (अलेक्जेंडर द ग्रेट) ने लगभग 331 ई.पू. में एक छोटे-से फैरोनिक शहर के आसपास की थी। फुस्टाट में एक नई राजधानी की स्थापना होने के समय (फुस्टाट को बाद में काहिरा में समाहित कर लिया गया था) 641 ई. में मुस्लिम मिस्र विजय तक लगभग एक हजार साल तक यह मिस्र की राजधानी रहा. सिकन्दरिया अपने प्रकाश स्तम्भ (फैरोस), प्राचीन दुनिया के सात अजूबों में से एक; अपने पुस्तकालय (प्राचीन दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय); और कैटाकॉम्ब्स ऑफ़ कोम अल शोकाफा (कोम अल शोकाफा का भूगर्भ कब्रिस्तान), मध्य युग के सात अजूबों में से एक, के लिए काफी मशहूर था। सिकन्दरिया के बंदरगाह में 1994 में चालू होने वाले अविरत समुद्री पुरातत्व से सिकंदर के आगमन से पहले (जब वहां राकोटिस नाम के एक शहर का अस्तित्व था) और टॉलेमी वंश के काल के सिकन्दरिया के रहस्यों पर से पर्दा उठ रहा है।
19वीं सदी के अंतिम दौर से यह अंतर्राष्ट्रीय जहाजरानी उद्योग का एक प्रमुख केंद्र और दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्रों में से एक बन गया क्योंकि इसकी वजह से भूमध्य सागर और लाल सागर के दरम्यान आसान जमीनी सम्बन्ध से और मिस्र के कपास के लाभप्रद व्यापार से काफी फायदा होता था।