हिन्दुस्तानी भाषा
भारत और पाकिस्तान में बोली जाने वाली इंडो-आर्यन भाषा / From Wikipedia, the free encyclopedia
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हिन्दुस्तानी | |||||
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हिन्दी-उर्दू | |||||
देवनागरी और नस्तालीक़ लिपियों में लफ़्ज़ हिन्दुस्तानी | |||||
बोलने का स्थान | भारत, पाकिस्तान | ||||
क्षेत्र | भारतीय उपमहाद्वीप | ||||
मातृभाषी वक्ता |
60 करोड़ (हिन्दी) 20 करोड़ (उर्दू) | ||||
भाषा परिवार |
हिन्द-यूरोपीय
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Standard forms | |||||
उपभाषा |
देहलवी
कौरवी (ग्रामीण)
दक्खिनी (दक्कनी)
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लिपि | |||||
राजभाषा मान्यता | |||||
औपचारिक मान्यता | |||||
नियंत्रक संस्था |
केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय (हिन्दी, भारत);[3] राष्ट्रीय भाषा विकास परिषद (उर्दू, पाकिस्तान); राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद (उर्दू, भारत)[4] | ||||
भाषा कोड | |||||
आइएसओ 639-1 | hi | ||||
आइएसओ 639-2 | hin | ||||
आइएसओ 639-3 |
इनमें से एक: hin – Hindi urd – Urdu | ||||
भाषावेधशाला | 59-AAF-qa to -qf | ||||
क्षेत्र (लाल रंग) जहाँ हिन्दुस्तानी (देहलवी/कौरवि) मातृभाषा है | |||||
{{Infobox Language/IPA
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हिन्दुस्तानी (नस्तालीक़: ہندوستانی, अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक लिपि: [hɪndʊstaːniː]) बोली हिन्दी और उर्दू का एकीकृत रूप है।[1][2] ये हिन्दी और उर्दू, दोनो के बोलचाल की भाषा है। इसमें संस्कृत के तत्सम शब्द और अरबी-फ़ारसी के उधार लिये गये शब्द, दोनों कम होते हैं। यही हिन्दी और उर्दू का वह रूप है जो भारत की जनता दैनिक जीवन में उपयोग करती है[5] और हिन्दी सिनेमा इसी पर आधारित है। ये हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार की भारोपीय भाषा की शाखा में आती है। ये देवनागरी या फ़ारसी-अरबी, किसी भी लिपि में लिखी जा सकती है।
हिन्दुस्तानी भाषा की अवधारणा को "एकीकृत भाषा" या "फ्यूज़न भाषा" के रूप में महात्मा गांधी द्वारा समर्थित किया गया था। हिन्दी से उर्दू में रूपान्तरण (या इसके विपरीत) आम तौर पर अनुवाद के बजाय केवल दो लिपियों के बीच लिप्यन्तरण द्वारा प्राप्त किया जाता है, जो आमतौर पर केवल धार्मिक और साहित्यिक ग्रन्थों के लिए आवश्यक होता है।
पुरानी हिन्दी के रूप में पहली बार लिखी गई काव्य-खण्ड का पता 769 ईस्वी के आरम्भ में लगाया जा सकता है।[6] दिल्ली सल्तनत के दौरान, जिसने लगभग सम्पूर्ण भारत (आज के अधिकांश पाकिस्तान, दक्षिणी नेपाल और बांग्लादेश) पर राज किया था और जिसके परिणामस्वरूप हिन्दू और मुस्लिम संस्कृतियों का सम्पर्क हुआ, पुरानी हिन्दी जो प्राकृत पर आधारित थी तथा फ़ारसी से शब्दों को लेकर समृद्ध हुई, जो कि वर्तमान में भी विकसित हो रही है।[7][8][9][10][11][12]
हिन्दुस्तानी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय एकता[13][14] की अभिव्यक्ति बन गई, और उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की आम भाषा के रूप में बोली जाती है,[15] जो बॉलीवुड फ़िल्मों और गीतों की हिन्दुस्तानी शब्दावली में परिलक्षित होती है।[16][17]
भाषा की मूल शब्दावली प्राकृत (संस्कृत की एक वंशज) से ली गई है, जिसमें फ़ारसी और अरबी (फ़ारसी के माध्यम से) से पर्याप्त मात्रा में शब्द लिए गए हैं। एथनोलॉग की रिपोर्ट है कि, 2020 तक, 81 करोड़ वक्ताओं के साथ हिन्दी और उर्दू मिलकर अंग्रेजी और मैण्डरिन के बाद दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा का गठन करतीं हैं।
1995 में हिन्दी-उर्दू बोलने वालों की कुल संख्या 30 करोड़ से अधिक बताई गई, जिससे हिन्दुस्तानी दुनिया में तीसरी या चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई।[18][6]