भक्ति योग
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हिन्दू धर्म में भक्ति योग से आशय अपने इष्ट देवता में अनुराग रख कर आन्तरिक विकास करने से है। भजन कीर्तन व सत्संग करना। इसे 'भक्ति मार्ग' भी कहते हैं। यह उन तीन मार्गों में से एक है, जिससे मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। अन्य दो मार्ग हैं- ज्ञान योग तथा कर्म योग।
सामान्य तथ्य आस्थादर्शन, ग्रन्थशास्त्र ...
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भक्ति की परम्परा बहुत पुरानी है। श्वेताश्वतर उपनिषद में 'भक्ति' का उल्लेख है। भगवद्गीता में मोक्ष के तीन मार्ग बताए गए हैं जिनमें से भक्तियोग एक है।