पेशी संकुचन
From Wikipedia, the free encyclopedia
पेशी संकुचन (Muscle contraction) से आशय पेशियों की कोशिकाओं के भीतर स्थित तनाव पैदा करने वाले स्थनों का सक्रिय हो जाना है। [1] [2] शरीरक्रियाविज्ञान में, पेशी संकुचन का अर्थ पेशियों का लम्बाई में छोटा होना नहीं है क्योंकि पेशियों की लम्बाई में परिवर्तन के बिना उनमें में तनाव पैदा किया जा सकता है। उदाहरण के लिये, एक ही स्थिति में हाथ में एक भारी पुस्तक पकड़ी जा सकती है और उसी स्थिति में एक डम्बल भी पकड़े हुए रह रकते हैं। [1] दोनों स्थितियों में तनाव अलग-अलग उत्पन्न करना होता है जबकि पेशी की लम्बाई दोनों स्थितियों में समान है। पेशियों के संकुचन की समाप्ति के बाद वे विश्रान्ति (रिलैक्शेशन) की अवस्था में आ जाती हैं अर्थात पेशियों के तन्तु कम तनाव पैदा करने वाली स्थिति में वापस आ जाते हैं। [1]
पेशियों के संकुचन को दो चरों के आधार पर वर्णित किया जा सकता है: लंबाई और तनाव। [1] यदि किसी पेशी का तनाव उसकी लम्बाई बदले बिना ही बदल जाता है तो इसे पेशी का समांगी संकुचन (आइसोमेट्रिक कन्ट्रैक्शन) कहते हैं। [1] [3] [4] [5] इसके विपरीत, पेशी का आइसोटोनिक संकुचन वह है जिसमें पेशी में तनाव पूरे संकुचन के दौरान समान रहता है और पेशी की लम्बाई बदलती है। [1] [3] [4] [5] यदि पेशी की लम्बाई कम हो जाती है, तो इसे कोन्सेन्ट्रिक संकुचन कहते हैं [1] [6] और यदि पेशी अधिक लम्बी हो जाती है, तो इसे एस्सेन्ट्रिक संकुचन कहते हैं।