पूर्वांचल
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पूर्वांचल उत्तर-मध्य भारत का एक भौगोलिक क्षेत्र है जो उत्तर प्रदेश के पूर्वी छोर पर स्थित है। यह उत्तर में नेपाल, पूर्व में बिहार, दक्षिण मे मध्य प्रदेश के बघेलखंड क्षेत्र और पश्चिम मे उत्तर प्रदेश के अवध क्षेत्र द्वारा घिरा है। इसे एक अलग राज्य बनाने के लिए लंबे समय से राजनीतिक मांग उठती रही है। वर्तमान में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व उत्तर प्रदेश विधानसभा में 117 विधायकों द्वारा होता है तो वहीं इस क्षेत्र से 23 लोकसभा सदस्य चुने जाते हैं।
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पूर्वांचल के मुख्यतः तीन भाग हैं- पश्चिम में पूर्वी अवधी क्षेत्र, पूर्व में पश्चिमी-भोजपुरी क्षेत्र और उत्तर में नेपाल क्षेत्र। यह भारतीय-गंगा मैदान पर स्थित है और पश्चिमी बिहार के साथ यह दुनिया में सबसे अधिक घनी आबादी वाला क्षेत्र है। उत्तर प्रदेश के आसपास के जिलों की तुलना में मिट्टी की समृद्ध गुणवत्ता और उच्च केंचुआ घनत्व के कारण कृषि के लिए अनुकूल है। अवधी और भोजपुरी क्षेत्र में प्रमुख भाषा है।
1991 में उत्तर प्रदेश की सरकार ने पूर्वांचल विकास निधि की स्थापना की जिसका उद्देश्य था क्षेत्रीय विकास परियोजनाओं के लिये धन इकट्ठा करना जिससे भविष्य में संतुलित विकास के जरिए स्थानीय जरूरतों को पूरा करते हुए क्षेत्रीय असमानताओं का निवारण हो सके। लेकिन आजादी के 70 सालों बाद तक भी नहीं हो सका। सिर्फ पूर्वांचल के पिछड़ेपन के नाम पर वोटों की सियासत की जा रही है।[1] हर चुनाव में विकास की बातें की जाती है मगर वोट लेने के बाद सभी राजनीतिक दल पूर्वांचल की बदहाली को भुला देते हैं। यही वजह है कि अब अलग राज्य की मांग तेजी से उठने लगी है।पूर्वांचल विकास परिवार संस्था पूर्वांचल के 6 करोड़ लोगों के बीच काम कर रही है।