एस्पिरिन
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एस्पिरिन (यूएसएएन)(USAN), जिसे एसिटाइलसैलिसाइलिक एसिड (उच्चारित/əˌsɛtəlˌsælɨˈsɪlɨk/ ə-SET-əl-sal-i-SIL-ik, संक्षिप्त में एएसए), भी कहते हैं, एक सैलिसिलेट औषधि है, जो अकसर हल्के दर्दों से छुटकारा पाने के लिये दर्दनिवारक के रूप में, ज्वर कम करने के लिये ज्वरशामक के रूप में और शोथ-निरोधी दवा के रूप में प्रयोग में लाई जाती है।
सिस्टमैटिक (आईयूपीएसी) नाम | |
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2-acetoxybenzoic acid | |
परिचायक | |
CAS संख्या | 50-78-2 |
en:PubChem | 2244 |
en:DrugBank | DB00945 |
en:ChemSpider | 2157 |
रासायनिक आंकड़े | |
सूत्र | C9H8O4 |
आण्विक भार | 180.157 g/mol |
SMILES | eMolecules & PubChem |
समानार्थी | 2-acetyloxybenzoic acid acetylsalicylate acetylsalicylic acid O-acetylsalicylic acid |
भौतिक आंकड़े | |
घनत्व | 1.40 g/cm³ |
गलनांक | 135 °C (275 °F) |
क्वथनांक | 140 °C (284 °F) (decomposes) |
जल में घुलनशीलता | 3 मि.ग्रा/मि.ली (२० °से.) |
फ़ार्मओकोकाइनेटिक आंकड़े | |
जैव उपलब्धता | Rapidly and completely absorbed |
प्रोटीन बंधन | 99.6% |
उपापचय | Hepatic |
अर्धायु | 300–650 mg dose: 3.1–3.2 h 1 g dose: 5 h 2 g dose: 9 h |
उत्सर्जन | Renal |
एस्पिरिन का एक प्लेटलेट-विरोधी प्रभाव भी होता है, जो थ्राम्बाक्सेन उत्पादन के अवरोध से उत्पन्न होता है, जो सामान्य परिस्थितियों में प्लेटलेटों के अणुओं को आपस में बांधकर रक्त नलिकाओं के भीतर की भित्तियों पर हुई चोट पर एक चकत्ते का निर्माण करता है। चूंकि प्लेटलेटों का चकत्ता काफी बड़ा होकर रक्त-प्रवाह में उस स्थान पर या आगे कहीं भी रूकावट पैदा कर सकता है, इसलिये रक्त के थक्कों के विकास के अधिक जोखम वाले लोगों में एस्पिरिन का प्रयोग लंबे समय के लिये कम मात्रा में हृदयाघात, मस्तिष्क-आघात और रक्त के थक्कों की रोकथाम के लिये भी किया जाता है।[1] यह भी पाया गया है कि हृदयाघात के तुरंत बाद थोड़ी मात्रा में एस्पिरिन देकर एक और हृदयाघात या हृदय के ऊतक की मृत्यु का जोखम कम किया जा सकता है।[2][3]
एस्पिरिन के, विशेषकर अधिक मात्रा में लेने पर, मुख्य अवांछित दुष्प्रभावों में आमाशय व आंतों में छाले, आमाशय में रक्तस्राव और कानों में आवाज आना शामिल हैं। बच्चों और किशोरों में रेइज़ सिंड्रोम के जोखम के कारण, फ्लू जैसे लक्षणों या छोटी चेचक (चिकनपॉक्स) या अन्य वाइरस रोगों के लक्षणों के नियंत्रण के लिये अब एस्पिरिन का इस्तेमाल नहीं किया जाता.[4]
एस्पिरिन नॉनस्टीरॉयडल एंटीइनफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) नामक वर्ग का सबसे पहला सदस्य है, जिनमें से सभी सैलिसिलेट नहीं होते, हालांकि सभी के एक समान प्रभाव होते हैं और अधिकांशतः एंजाइम साइक्लोआक्सीजनेज़ का अवरोध करते हैं। आज, एस्पिरिन दुनिया की सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली औषधियों में से एक है, जिसकी अनुमानित 40,000 टन मात्रा प्रतिवर्ष खाई जाती है।[5] जिन देशों में एस्पिरिन बेयर का रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क है, वहां उसका जेनेरिक नाम एसिटाइल सेलेसिलिक एसिड (एएसए) है।[6][7]