आदिकाल
हिन्दी साहित्य के इतिहास में लगभग 8वीं शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी के मध्य तक के काल को कहां जाता / From Wikipedia, the free encyclopedia
आदिकाल हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रारम्भिक चरण है, जिसका समय 10वीं शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी (1050 से 1375 विक्रम संवत्) तक माना जाता है। ऐतिहासिक दृष्टि से यह युग विकेंद्रीकरण की ओर जा रहा था। सम्राट् हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात् भारतवर्ष में केंद्रीयता की भावना प्रायः लुप्त हो चुकी थी और देश छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त हो चुका था। इन छोटे राज्यों के राजा ज़रा-ज़रा सी बात पर आपस में युद्ध करते रहते थें। दूसरी तरफ़ देश पर बाह्य आक्रांताओं के निरंतर आक्रमण हो रहे थें। देश का वातावरण भारी हलचल और अशांति से भरा हुआ था।[1][2][3][4][5][6][7]